स्त्री को कथा-वाचन का अधिकार (A woman can do Bhagwat Katha)

स्त्री को कथा-वाचन का अधिकार (A woman can do Bhagwat Katha)

भागवत धर्म में सर्वाधिकार लगभग २००० वर्षों की पराधीनता के बाद राजनैतिक रूप से १५ अगस्त, १९४७ को स्वतन्त्र हो जाने के बाद भी सांस्कृतिक रूप से अपनों की ही पराधीनता से मुक्त होने की तो कोई सम्भावना भी दिखाई नहीं दे रही है । आज इस देश के संकीर्ण विचारकों के द्वारा जो देश...